Home / Hindi Grammar / सर्वनाम (Sarvanam in Hindi) – परिभाषा, प्रकार, उदाहरण, नियम और महत्व के बारे में जानें!

सर्वनाम (Sarvanam in Hindi) – परिभाषा, प्रकार, उदाहरण, नियम और महत्व के बारे में जानें!

सर्वनाम (Sarvanam in Hindi)

सर्वनाम क्या है? (Sarvanam kya hota hai hindi mein) यह जानना हम सभी के लिए आवश्यक है क्योंकि हिंदी भाषा में इसका प्रयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है। सर्वनाम हमारी भाषा का एक महत्वपूर्ण भाग है। सर्वनाम क्या है? (Sarvanam kya hota hai hindi mein) हमें शब्दों के बारे में सोचने और उन्हें वाक्यों में प्रयोग करने की सुविधा प्रदान करता है। सर्वनाम का उपयोग हमें बार-बार शब्दों को दोहराने से बचाता है और हमें अपने भाषा शैली को बेहतर बनाने में मदद करता है। यह लेख हमें सर्वनाम क्या है? (Sarvanam kya hota hai hindi mein), सर्वनाम के प्रकार, प्रयोग, और संबंधित ग्रामर नियमों के बारे में विस्तार से जानने का एक अवसर प्रदान करेगा।

सर्वनाम किसे कहते हैं ? | Sarvnam kise kahte hain Hindi mein

  • सर्वनाम या प्रोनाउन (Pronoun) वे शब्द होते हैं जो किसी संज्ञा के स्थान पर प्रयोग होते हैं। इन्हें संज्ञा या संज्ञा-समूह की जगह प्रयोग करने से वाक्य की पुनरावृत्ति को रोका जा सकता है। जैसे, ‘वह’, ‘वे’, ‘मैं’, ‘तुम’, ‘यह’, ‘उन्होंने’, ‘किसी’, ‘कुछ’, ‘सभी’ आदि।
  • यह हमें बार-बार संज्ञा को नहीं दोहराने की सुविधा प्रदान करता है। इसका प्रयोग हम बात करते समय करते हैं जब हमें एक व्यक्ति, वस्तु, स्थान, या विचार के बारे में बात करनी होती है।
  • सर्वनाम के उदाहरण के रूप में, यदि हम कहते हैं, “राम एक अच्छा छात्र है। वह रोज़ पढ़ाई करता है।” तो यहां “वह” सर्वनाम है जो “राम” की जगह पर प्रयोग हुआ है। यहां हमें “राम” शब्द को दोहराने की जरूरत नहीं होती है और हम उसे “वह” से प्रतिस्थापित करते हैं।
  • सर्वनाम उपयोग करने से हमारी भाषा सुंदर और सुरुचिपूर्ण बनती है। यह हमें भाषा को संक्षेप्त, स्पष्ट, और प्रभावशाली बनाने में मदद करता है।
  • सर्वनाम का प्रयोग अच्छी तरह से करने से हमारे वाक्य सुसंगत और सुन्दर लगते हैं।अक्सर, ये लेख युक्तियों और विचारों की खोज करने वाले पाठकों के लिए उपयोगी होते हैं, सभी जानकारी के लिए इस पूरे लेख को देखें।

सर्वनाम के भेद या प्रकार | Sarvnam ke prakar in Hindi

हिंदी व्याकरण के अनुसार, सर्वनाम के मुख्य रूप  6 भेद होते हैं 

  1. पुरुषवाचक सर्वनाम (Purushwachak Sarvnam): ये सर्वनाम व्यक्तिगत रूप से किसी व्यक्ति, जीव, जानवर, वस्तु, स्थान या विचार के संदर्भ में प्रयोग होते हैं। जैसे – मैं, हम, तू, तुम, तुम्हारा, तुम्हारी, वह, वे, उसका, उसकी, उनका, उनकी, आदि।
  2. निजवाचक सर्वनाम (Nijvachak Sarvnam): ये सर्वनाम स्वामित्व या सम्बन्ध दर्शाते हैं। जैसे – मेरा, मेरी, मेरे, हमारा, हमारी, हमारे, तेरा, तेरी, तेरे, आपका, आपकी, आपके, उसका, उसकी, उसके, उनका, उनकी, उनके।
  3. निश्चयवाचक सर्वनाम (Nischaywachak Sarvnam): ये सर्वनाम किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, या विचार की निर्दिष्टता या पहचान का बोध कराते हैं। जैसे – यह, वह, ये, वे, ऐसा, वैसा, इतना, उतना, जितना, तितना, जैसा, तैसा।
  4. अनिश्चयवाचक सर्वनाम (Anischaywachak Sarvnam): ये सर्वनाम किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, या विचार की अनिश्चितता या अनिर्दिष्टता का बोध कराते हैं। जैसे – कोई, कुछ, किसी, बहुत, सब, सभी, थोड़ा, थोड़ी, थोड़े, आदि।
  5. प्रश्नवाचक सर्वनाम (Prashnwachak Sarvnam): ये सर्वनाम प्रश्न पूछने के लिए प्रयोग होते हैं। जैसे – कौन, कैसा, कितना, कब, कहाँ, किसका, किसकी, किसके, किसे, किससे, आदि।
  6. संबंध-सूचक सर्वनाम (Sambandh vachak sarvanam): ये सर्वनाम उस संज्ञा की जगह पर प्रयोग होते हैं जिससे हम उस संज्ञा के साथ संबंध दर्शाना चाहते हैं। उदाहरण के लिए, “उसका”, “उनकी” आदि संबंध-सूचक सर्वनाम हैं।

पुरुषवाचक सर्वनाम एवं प्रकार | Purushwachak Sarvnam in Hindi

पुरुषवाचक सर्वनाम वे सर्वनाम होते हैं जो व्यक्ति के लिंग और संख्या की जानकारी देते हैं।

हिंदी भाषा में सर्वनामों में से एक प्रकार पुरुषवाचक सर्वनाम होते हैं। इन्हें उत्तम पुरुष, मध्यम पुरुष और अन्य पुरुष के रूप में विभाजित किया जाता है। चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं:

  1. उत्तम पुरुष (Uttam Purush): उत्तम पुरुष के अंतर्गत आने वाले सर्वनाम वह होते हैं जो बोलने वाले के अपने आप को संदर्भित करते हैं। ये ‘मैं’ और ‘हम’ होते हैं। उदाहरण के लिए – “मैं खाना खा रहा हूं।” या “हम खेलने जा रहे हैं।”
  2. मध्यम पुरुष (Madhyam Purush): मध्यम पुरुष के अंतर्गत आने वाले सर्वनाम वह होते हैं जो बोलने वाले के द्वारा संबोधित व्यक्ति को संदर्भित करते हैं। ये ‘तू’, ‘तुम’ और ‘आप’ होते हैं। उदाहरण के लिए – “तुम कहां जा रहे हो?” या “आप कैसे हैं?”
  3. अन्य पुरुष (Anya Purush): अन्य पुरुष के अंतर्गत आने वाले सर्वनाम वह होते हैं जो बोलने वाले और सुनने वाले के अलावा किसी तीसरे व्यक्ति, स्थान या वस्तु को संदर्भित करते हैं। ये ‘वह’ और ‘वे’ होते हैं। उदाहरण के लिए – “वह गाय रहा है।” या “वे खेल रहे हैं।”

निजवाचक सर्वनाम एवं प्रकार | Nijvachak Sarvnam in Hindi

निजवाचक सर्वनाम वे सर्वनाम होते हैं जो स्वतंत्र रूप से नहीं प्रयोग होते, वे सदैव किसी संज्ञा या सर्वनाम के साथ जोड़कर ही प्रयोग होते हैं। वे स्वामित्व या सम्बन्ध की ओर संकेत करते हैं।

निजवाचक सर्वनामों के प्रकार निम्नलिखित हैं:

  1. एकवचन (Singular): मेरा, तेरा, उसका, इसका, उनका, तुम्हारा, आपका, हमारा। उदाहरण: “मेरी किताब वहां है।”
  2. बहुवचन (Plural): हमारा, तुम्हारा, आपका, उनका। उदाहरण: “हमारा घर बड़ा है।”

ये सर्वनाम स्वतंत्र रूप से प्रयोग नहीं होते, बल्कि किसी संज्ञा या सर्वनाम के साथ जोड़कर ही प्रयोग होते हैं। उदाहरण के लिए, “मेरी” सर्वनाम का प्रयोग “मेरी किताब” में होता है, जहां “किताब” एक संज्ञा है।

निश्चयवाचक सर्वनाम एवं उदाहरण | Nischaywachak Sarvnam in Hindi 

निश्चयवाचक सर्वनाम वे सर्वनाम होते हैं जो किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान या जानवर को निश्चित रूप से दर्शाते हैं। इनका प्रयोग विशेषता और परिमाण की जानकारी देने के लिए किया जाता है।

निश्चयवाचक सर्वनामों के कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं:

  1. यह, ये: यह संकेत करता है कि व्यक्ति या वस्तु संवाददाता के निकट है। उदाहरण: “यह किताब मेरी है।” या “ये फल मीठे हैं।”
  2. वह, वे: यह संकेत करता है कि व्यक्ति या वस्तु संवाददाता से दूर है। उदाहरण: “वह लड़का बहुत होशियार है।” या “वे बच्चे खेल रहे हैं।”
  3. यहां: यह स्थान को निर्देशित करता है। उदाहरण: “यहां बैठिए।”
  4. वहां: यह दूर के स्थान को निर्देशित करता है। उदाहरण: “वहां मत जाओ।”
  5. इस, उस: यह विशेष संदर्भ में किसी वस्तु या व्यक्ति को निर्देशित करता है। उदाहरण: “इस आदमी की बात सुनो।” या “उस कमरे में जाओ।”

अनिश्चयवाचक सर्वनाम एवं उदाहरण | Anischaywachak Sarvnam in Hindi

अनिश्चयवाचक सर्वनाम वे सर्वनाम होते हैं जो किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, या विशेषता की अनिश्चित जानकारी देते हैं। ये किसी व्यक्ति या वस्तु की निश्चित पहचान नहीं बताते, बल्कि उनकी अनिश्चित पहचान को दर्शाते हैं।

अनिश्चयवाचक सर्वनामों के उदाहरण निम्नलिखित हैं:

  1. कोई: “कोई तो है जो मुझे देख रहा है।”
  2. कुछ: “कुछ लोग खुशी से नाच रहे थे।”
  3. सभी: “सभी बच्चे स्कूल जा रहे थे।”
  4. बहुत: “बहुत लोग यहाँ जमा हो गए थे।”
  5. थोड़ा: “मुझे थोड़ा पानी दो।”

प्रश्नवाचक सर्वनाम एवं उदाहरण | Prashnwachak Sarvnam Hindi mein

प्रश्नवाचक सर्वनाम वे होते हैं जिनका प्रयोग प्रश्न पूछने के लिए किया जाता है। इन सर्वनामों का प्रयोग करके हम किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान या विशेषता के बारे में प्रश्न पूछ सकते हैं।

प्रश्नवाचक सर्वनामों के उदाहरण निम्नलिखित हैं:

  1. कौन: “कौन आया है?” या “कौन विजेता हुआ?”
  2. किसका: “किसका यह घड़ी है?” या “किसका बेटा पढ़ाई कर रहा है?”
  3. कितना: “कितना समय लगेगा?” या “कितना बचा हुआ?”
  4. कहाँ: “कहाँ जा रहे हो?” या “कहाँ हो गए?”
  5. कैसा: “कैसा मौसम है?” या “वह कैसा इंसान है?”

संबंध-सूचक सर्वनाम एवं उदाहरण | Sambandh vachak sarvanam in Hindi

संबंध-सूचक सर्वनाम वे सर्वनाम होते हैं जिनका प्रयोग किसी व्यक्ति, वस्तु या स्थिति के संबंध को दर्शाने के लिए किया जाता है। इन सर्वनामों का प्रयोग संबंध की पहचान या संबंधित व्यक्ति या वस्तु की स्थिति को दर्शाने के लिए किया जाता है।

संबंध-सूचक सर्वनामों के उदाहरण निम्नलिखित हैं:

  1. जिसने: “जिसने यह काम किया, उसे पुरस्कार मिलेगा।” या “जिसने वह गीत गाया, वह बहुत प्रसिद्ध हो गया।”
  2. जिसकी: “जिसकी किताब यहां है, उसे ले जाओ।” या “जिसकी मेहनत से ये सफलता मिली है, वह बहुत गर्व महसूस कर रहा है।”
  3. जो: “जो व्यक्ति जिद करता है, उसे मना नहीं किया जा सकता।” या “जो संगीत सुनता है, वह खुश हो जाता है।”
  4. जिसका: “जिसका बाइक चोरी हो गया है, वह पुलिस को सूचित करें।” या “जिसका खाना तैयार हो गया है, वह ताली बजाएं।”

सर्वनाम के प्रयोग एवं ​उदाहरण | Sarvnam ke prayog aur udaharan in Hindi

सर्वनाम का सही प्रयोग करना बहुत महत्वपूर्ण है। यह हमारे वाक्यों को संक्षेप्त, सुन्दर, और प्रभावशाली बनाता है। कुछ सर्वनाम के प्रयोग के उदाहरण हैं:

  • पुरुषवाचक सर्वनाम:
    • मैं खुश हूँ।
    • तुम कहाँ जा रहे हो?
    • वह मेरा दोस्त है।
    • हम पार्क में खेल रहे हैं।
    • वे लोग बहुत मेहनती हैं।
  • निजवाचक सर्वनाम:
    • मेरी पेन मुझे दो।
    • हमारी टीम जीत गई।
    • तुम्हारी किताब मेज पर है।
    • उसका भोजन खतम हो गया है।
  • निश्चयवाचक सर्वनाम:
    • यह खुशखबरी है।
    • वह मेरा घर है।
    • ये फल मीठे हैं।
    • वे लोग गाँव से हैं।
  • अनिश्चयवाचक सर्वनाम:
    • कुछ लोग यहाँ खुश नहीं हैं।
    • किसी ने मेरा द्वार खटखटाया।
    • सभी बच्चे खेल रहे हैं।
  • प्रश्नवाचक सर्वनाम:
    • कौन बताएगा?
    • किसने यह किया?
    • किसकी किताब यह है?
    • कहाँ जा रहे हो?
  • संबंधवाचक सर्वनाम:
    • जिसने भी यह किया, उसे सजा मिलेगी।
    • जिसकी लाठी, उसकी भैंस।
    • जो करो, सोच समझकर करो।

इन उदाहरणों में, “मैं”, “तुम”, “यह”, “वह”, और “हमने” सर्वनाम के रूप में प्रयोग हुए हैं। इन सर्वनामों का प्रयोग शब्दों को दोहराने से बचाता है और वाक्य को संक्षेप्त करता है।

मूल सर्वनाम क्या होता है? | Mul Sarvnaam kya hota hai? Hindi mein

मूल सर्वनाम वे सर्वनाम होते हैं जिन्हें उनकी मूल अवस्था में प्रयोग किया जाता है। ये सामान्यतः किसी संज्ञा या सर्वनाम की पुनरावृत्ति को कम करने के लिए उपयोग होते हैं।

हिंदी के मूल सर्वनाम 11 होते हैं, मैं,वह,क्या,तू,जो,कोई,आप,सो,कुछ,यह,कौन

  • पुरूषवाचक – मैं, तू, वह, मैंने
  • निजवाचक – आप
  • निश्चयवाचक (संकेतवाचक)- यह, वह
  • अनिश्चयवाचक-  कोई, कुछ
  • संबंधवाचक – जो, सो
  • प्रश्नवाचक – कौन, क्या

सर्वनाम के ग्रामर नियम | Grammar Rules of Pronouns

सर्वनाम के प्रयोग के दौरान कुछ ग्रामर नियमों का पालन करना आवश्यक होता है। यहां कुछ महत्वपूर्ण नियम हैं:

  1. वचन (Vachan) के अनुसार समानरूप सर्वनाम: सर्वनाम को वचन (एकवचन या बहुवचन) के अनुसार समानरूप बनाना चाहिए। उदाहरण के लिए, “वह” के बजाय “वे” का प्रयोग बहुवचन में होना चाहिए।
  2. पुल्लिंग-स्त्रीलिंग (Gender) के अनुसार सर्वनाम: सर्वनाम को पुल्लिंग और स्त्रीलिंग के अनुसार बदलना चाहिए। उदाहरण के लिए, “वह” के बजाय “वही” या “वहन” का प्रयोग स्त्रीलिंग में होना चाहिए।
  3. व्यक्ति (Person) के अनुसार सर्वनाम: सर्वनाम को व्यक्ति (पहली, दूसरी, तीसरी) के अनुसार बदलना चाहिए। उदाहरण के लिए, “मैं” के बजाय “तू” या “वे” का प्रयोग व्यक्ति के अनुसार होना चाहिए।
  4. काल (Tense) के अनुसार सर्वनाम: सर्वनाम को काल (वर्तमान, भूतकाल, भविष्यकाल) के अनुसार बदलना चाहिए। उदाहरण के लिए, “वह” के बजाय “यह” का प्रयोग वर्तमान काल में होना चाहिए।

ये नियम हमें सर्वनाम के सही प्रयोग के लिए मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। हमें इन नियमों का पालन करते हुए सर्वनाम का प्रयोग करना चाहिए ताकि हमारी भाषा सुंदर, सुगठित, और समझने में आसान हो।

सर्वनाम का महत्व | saevnam ka Mahatv in Hindi

  • सर्वनाम का प्रयोग हमारी भाषा को व्यापक बनाता है और हमें अनेक संज्ञाओं को संक्षेप्त रूप में व्यक्त करने में सहायता करता है।
  • यह हमें एकाग्रता से वाणी का उपयोग करने देता है और वाक्यों को सुंदर और रुचिकर बनाता है। सर्वनाम के सही प्रयोग से हमारी भाषा व्यापकता का परिचय देती है और हमें संवाद को संक्षेप्त करने में मदद करती है।
  • सर्वनाम हमारी भाषा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और हमें इसका सही प्रयोग करना चाहिए। इससे हमारी भाषा प्रभावशाली और सुंदर बनती है और हमें अधिक संवेदनशील बनाती है।

Exam24x7.com विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए व्यापक नोट्स प्रदान करती है। इसने हमेशा अपने उत्पाद की गुणवत्ता जैसे कंटेंट पेज, लाइव टेस्ट, जीके और करंट अफेयर्स, मॉक आदि का आश्वासन दिया है। Exam24x7.com के साथ अपनी तैयारी में महारत हासिल करें !

Tagged:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *