हिंदी वर्णमाला वह क्रमबद्ध ध्वनियों की सूची है, जिसके माध्यम से हिंदी भाषा के सभी शब्दों की रचना होती है। इसे दो मुख्य भागों में विभाजित किया गया है: स्वर (Vowels) और व्यंजन (Consonants)। साथ ही मात्राएँ (Matras) भी वर्णों से जुड़कर शब्द निर्माण में सहायक होती हैं।
स्वर (Swar in Hindi Varnamala)
स्वर वे वर्ण होते हैं जिनका उच्चारण स्वतंत्र रूप से बिना किसी अन्य वर्ण की सहायता से किया जा सकता है।
कुल 13 स्वर वर्ण होते हैं:
अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ॠ, ए, ऐ, ओ, औ, अं, अः
व्यंजन (Vyanjan in Hindi Varnamala)
व्यंजन वे वर्ण होते हैं जो स्वयं उच्चरित नहीं हो सकते और स्वर की सहायता से बोले जाते हैं।
कुल 33 मुख्य व्यंजन + 4 संयुक्त व्यंजन:
वर्गानुसार व्यंजन:
क, ख, ग, घ, ङ (कंठ्य)
च, छ, ज, झ, ञ (तालव्य)
ट, ठ, ड, ढ, ण (मूर्धन्य)
त, थ, द, ध, न (दंत्य)
प, फ, ब, भ, म (ओष्ठ्य)
अंतःस्थ व ऊष्म व्यंजन:
य, र, ल, व – (अंतःस्थ)
श, ष, स, ह – (ऊष्म)
संयुक्त व्यंजन (Composite Consonants):
क्ष, त्र, ज्ञ, श्र
मात्राएँ (Hindi Matras)
मात्राएँ स्वर चिह्न होते हैं जो व्यंजनों के साथ मिलकर शब्दों का निर्माण करते हैं।
मुख्य मात्राएँ:
ा (आ), ि (इ), ी (ई), ु (उ), ू (ऊ), ृ (ऋ), ॄ (ॠ), े (ए),ै (ऐ), ो (ओ), ौ (औ), ं (अनुस्वार), ः (विसर्ग)
हिंदी वर्णमाला में कुल वर्ण:
श्रेणी | संख्या |
स्वर | 13 |
व्यंजन | 33 + 4 = 37 |
कुल वर्ण | 50 से 52 तक |
हिंदी वर्णमाला भाषा की नींव है। इसकी जानकारी छात्रों, प्रतियोगी परीक्षार्थियों (CTET, UPTET, KVS, DSSSB, REET), और हिंदी भाषा प्रेमियों के लिए अनिवार्य है। वर्णों का सही ज्ञान शब्दों के सही उच्चारण, वर्तनी और व्याकरण के लिए अत्यंत आवश्यक है।