क्रिया किसे कहते हैं (Kriya kise kehete hai in Hindi) यह जानना हर विद्यार्थी और पाठक के लिए आवश्यक है। हिंदी व्याकरण (Hindi Grammar) में क्रिया की परिभाषा (Kriya ki Paribhasha in Hindi) के अनुसार वह शब्द होता है, जो किसी कार्य को करने या करवाने के लिए प्रयोग किया जाता है। क्रिया (Verb in Hindi) को धातु भी कहा जाता है और यह वाक्य निर्माण का सबसे महत्वपूर्ण आधार है। इस लेख में हम विस्तार से देखेंगे – क्रिया किसे कहते हैं (Kriya kise kehete hai in Hindi), क्रिया की परिभाषा, क्रिया के भेद (Types of Verb in Hindi), क्रिया के उदाहरण (Examples of Verb in Hindi) और हिंदी भाषा (Hindi Language) व हिंदी साहित्य (Hindi Literature) में क्रिया का महत्व। यदि आप हिंदी व्याकरण (Hindi Grammar) सीख रहे हैं, तो यह लेख आपके लिए बेहद उपयोगी होगा।
क्रिया किसे कहते हैं? | Kriya kise kehete hai – What is Verb in Hindi
क्रिया (Kriya in Hindi) हिंदी व्याकरण (Hindi Grammar) की एक महत्वपूर्ण भाषागत इकाई है, जो किसी कार्य, अवस्था या गुण का वर्णन करती है। सरल शब्दों में, क्रिया किसे कहते हैं (Kriya kise kehte hai in Hindi) – वह शब्द जो किसी कार्य को करने या करवाने का बोध कराए। क्रिया (Verb in Hindi) वाक्य की आधारभूत इकाई होती है और भाषा को जीवंत बनाने में अहम भूमिका निभाती है। इस लेख में आप जानेंगे क्रिया की परिभाषा (Kriya ki Paribhasha in Hindi), क्रिया के भेद (Types of Verb in Hindi) और क्रिया के उदाहरण (Examples of Verb in Hindi) विस्तार से।
क्रिया के उदाहरण तालिका (Examples of Kriya in Hindi)
श्रेणी | हिंदी उदाहरण (Kriya Examples in Hindi) |
क्रिया के उदाहरण (Examples of Kriya in Hindi) | गाते हैं, चलते हैं, बोलते हैं, लिखते हैं, पढ़ते हैं, खेलते हैं, सोते हैं, बनाते हैं, उठते हैं, हंसते हैं, बात करते हैं, सुनते हैं, घूमते हैं, कूदते हैं, रोते हैं |
क्रिया शब्द के उदाहरण (Kriya Shabd ke Udaharan) | जाओ, पढ़ो, लिखो, गाओ, बोलो, सोओ, उठो, दौड़ो, हंसो, करो, सुनो, चलो, पकड़ो, रोको, देखो, चिढ़ाओ |
क्रिया के भेद | Kriya ke bhed Hindi me
हिंदी व्याकरण (Hindi Vyakaran) में क्रिया (Kriya in Hindi) का विशेष महत्व है। वाक्य की रचना और अर्थ को स्पष्ट करने के लिए क्रिया के भेद (Types of Kriya in Hindi) जानना आवश्यक है। क्रिया मुख्यतः दो प्रकार की होती है – सकर्मक क्रिया (Sakarmak Kriya kya hoti hai) और अकर्मक क्रिया (Akarmak Kriya ki Paribhasha in Hindi)। सकर्मक क्रिया वह होती है जिसमें किसी कर्म (Object) की आवश्यकता होती है, जबकि अकर्मक क्रिया वह होती है जिसमें किसी भी कर्म की आवश्यकता नहीं होती। इस लेख में हम क्रिया के भेद, परिभाषा और उदाहरण (Kriya ke Bhed with Examples in Hindi) को विस्तार से समझेंगे।
क्रिया के भेद तालिका (Kriya ke Bhed Table with Examples)
क्रिया का प्रकार (Types of Kriya in Hindi) | परिभाषा (Definition) | उदाहरण (Examples) |
सकर्मक क्रिया (Sakarmak Kriya) | वह क्रिया जिसमें कर्म (Object) का प्रयोजन होता है और क्रियाकर्ता परिणामस्वरूप प्रभाव डालता है। | राम ने पेंसिल लिखी, सीता ने खाना बनाया, मोहन ने किताब पढ़ी |
अकर्मक क्रिया (Akarmak Kriya) | वह क्रिया जिसमें किसी कर्म की आवश्यकता नहीं होती और केवल कार्य का होना दर्शाया जाता है। | राम बैठा, सीता सोई, मोहन हंसा |
इस तरह, सकर्मक और अकर्मक क्रियाएं क्रिया के महत्वपूर्ण भेद हैं, जो भाषा में क्रिया के अन्वेषण को विस्तृत करते हैं।
सकर्मक क्रिया की परिभाषा (Sakarmak Kriya Definition in Hindi)
हिंदी व्याकरण (Hindi Vyakaran) में क्रिया (Kriya in Hindi) का बहुत महत्व है। क्रिया वाक्य का आधार होती है और इसके कई भेद हैं। उनमें से एक है सकर्मक क्रिया (Sakarmak Kriya kya hoti hai in Hindi)। जब किसी क्रिया में कर्म (Object) की आवश्यकता होती है और क्रियाकर्ता (Doer) उस पर प्रभाव डालता है, तब उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं। यह वाक्य को पूर्ण अर्थ प्रदान करती है और कार्य की दिशा को स्पष्ट करती है।
मैं खाना खा रहा हूँ।
👉 यहाँ “खा रहा हूँ” सकर्मक क्रिया है क्योंकि खाना (कर्म) पर कार्य हो रहा है।
वह किताब पढ़ रही है।
👉 यहाँ “पढ़ रही है” सकर्मक क्रिया है क्योंकि किताब (कर्म) पर प्रभाव पड़ रहा है।
मोहन दूध पी रहा है।
👉 यहाँ “पी रहा है” सकर्मक क्रिया है क्योंकि दूध (कर्म) पर कार्य हो रहा है।
सीता कहानी लिख रही है।
👉 यहाँ “लिख रही है” सकर्मक क्रिया है क्योंकि कहानी (कर्म) पर असर पड़ रहा है।
बच्चे खेल खेल रहे हैं।
👉 यहाँ “खेल रहे हैं” सकर्मक क्रिया है क्योंकि खेल (कर्म) किया जा रहा है।
अकर्मक क्रिया की परिभाषा (Akarmak Kriya ki Paribhasha)
हिंदी व्याकरण (Hindi Vyakaran) में क्रिया (Kriya in Hindi) के कई भेद होते हैं। उनमें से एक है अकर्मक क्रिया (Akarmak Kriya kya hoti hai in Hindi)। जब किसी क्रिया को पूरा करने के लिए कर्म (Object) की आवश्यकता नहीं होती और केवल क्रियाकर्ता (Doer) द्वारा किया गया कार्य ही प्रकट होता है, तब उसे अकर्मक क्रिया कहते हैं। यह क्रिया केवल कार्य या स्थिति का बोध कराती है, लेकिन किसी वस्तु पर प्रभाव नहीं डालती।
अकर्मक क्रिया के उदाहरण (Examples of Akarmak Kriya in Hindi)
- मैं सो रहा हूँ।
👉 यहाँ “सो रहा हूँ” अकर्मक क्रिया है क्योंकि इसमें कोई कर्म नहीं है। - बच्चे खेल रहे हैं।
👉 यहाँ “खेल रहे हैं” अकर्मक क्रिया है क्योंकि खेलना अपने आप में कार्य है, किसी कर्म पर असर नहीं। - वह दौड़ रही है।
👉 यहाँ “दौड़ रही है” अकर्मक क्रिया है क्योंकि दौड़ना बिना कर्म के भी पूर्ण है। - राम बैठा है।
👉 यहाँ “बैठा है” अकर्मक क्रिया है क्योंकि इसमें किसी वस्तु पर प्रभाव नहीं डाला गया। - वह हँस रहा है।
👉 यहाँ “हँस रहा है” अकर्मक क्रिया है क्योंकि यह केवल क्रियाकर्ता की स्थिति को दिखा रहा है।
क्रिया के भेद – परिचय (Kriya ke Bhed in Hindi)
हिंदी व्याकरण (Hindi Grammar) में क्रिया (Verb) वह शब्द है जो किसी कार्य, घटना या स्थिति को व्यक्त करता है। क्रिया वाक्य का सबसे महत्वपूर्ण अंग होती है क्योंकि यह बताती है कि वाक्य में क्या हो रहा है।
क्रिया के भेद अलग-अलग आधारों पर किए जाते हैं।
- कर्म के आधार पर क्रिया (On the basis of Object) – सकर्मक और अकर्मक क्रिया।
- संरचना/प्रयोग के आधार पर क्रिया (On the basis of Structure/Use) – संरचित और असंरचित क्रिया।
- क्रिया अनुबंध (Verb Agreement Rules) – वचन, लिंग और पुरुष के अनुसार क्रिया का मेल।
अब हम इसे तालिका और उदाहरणों के माध्यम से समझते हैं –
क्रिया के भेद – सारणी (Table with Examples)
आधार (Basis) | क्रिया का प्रकार | परिभाषा (Definition) | उदाहरण (Examples) |
कर्म के आधार पर | सकर्मक क्रिया | जिसमें क्रियाकर्ता द्वारा कर्म का प्रयोजन होता है। | राम ने किताब पढ़ी। (पढ़ी = सकर्मक क्रिया) |
अकर्मक क्रिया | जिसमें कोई कर्म का प्रयोजन नहीं होता। | राम हँसा। (हँसा = अकर्मक क्रिया) | |
संरचना/प्रयोग के आधार पर | संरचित क्रिया | जो लिंग, वचन और पुरुष के अनुसार बदलती है। | वह गाता है। / वे गाते हैं। |
असंरचित क्रिया | जिनमें ऐसे विभाजन या परिवर्तन नहीं होते। | होना, आना, जाना | |
क्रिया अनुबंध (Verb Agreement Rules) | विषय-क्रिया अनुबंध | वाक्य में विषय (Subject) और क्रिया (Verb) का मेल होना चाहिए। | राम पढ़ता है। / सीता पढ़ती है। |
धातुओं के आधार पर क्रिया के प्रकार | Use of Kriya based on Roots in Hindi
हिंदी व्याकरण (Hindi Vyakaran) में क्रिया (Kriya in Hindi) वाक्य की सबसे महत्वपूर्ण इकाई है। यह वाक्य में कार्य, स्थिति और घटना को व्यक्त करती है। क्रिया धातु (Verb root) के आधार पर क्रियाएँ मुख्यतः तीन प्रकार की होती हैं –
- कर्म दर्शाने वाली क्रिया (Action verbs)
- भाव दर्शाने वाली क्रिया (State verbs)
- वृत्ति दर्शाने वाली क्रिया (Event verbs)
आइए इन तीनों प्रकार की क्रियाओं को परिभाषा और उदाहरण सहित तालिका में समझते हैं –
क्रिया के प्रकार – परिभाषा और उदाहरण
क्रिया का प्रकार (Type of Kriya) | परिभाषा (Definition) | उदाहरण (Examples) |
कर्म दर्शाने वाली क्रिया (Action Verbs) | ऐसी क्रियाएँ जो किसी कार्य (कर्म) को करने के लिए होती हैं। इनसे यह पता चलता है कि कोई काम हो रहा है। | खाना खाना, पानी पीना, चलना, बोलना |
भाव दर्शाने वाली क्रिया (State Verbs) | ऐसी क्रियाएँ जो किसी व्यक्ति, वस्तु या अवस्था की स्थिति (भाव) को दर्शाती हैं। | होना, रहना, सोना, खड़ा होना |
वृत्ति दर्शाने वाली क्रिया (Event Verbs) | ऐसी क्रियाएँ जो किसी घटना (Event) को व्यक्त करती हैं। इनमें कर्म की आवश्यकता नहीं होती, केवल घटना का बोध होता है। | आना, जाना, जीना, मरना |
क्रिया और कारक – परिचय (Verb aur Kaarak in Hindi)
हिंदी व्याकरण में क्रिया (Verb) और कारक (Kaarak) दोनों का विशेष महत्व है।
- क्रिया वाक्य में यह बताती है कि कौन-सा कार्य हो रहा है।
- कारक वाक्य के विभिन्न अंगों (संज्ञा/सर्वनाम) को क्रिया से जोड़ने का कार्य करते हैं।
कारक और विभक्ति सारणी (Kaarak aur Vibhakti in Hindi)
क्रमांक | कारक (Kaarak) | विभक्ति (Vibhakti) | उदाहरण (Example Sentence) |
1 | कर्ता कारक | ने | राम ने किताब पढ़ी। |
2 | कर्म कारक | को | राम ने सीताको बुलाया। |
3 | करण कारक | से | राम ने कलमसे लिखा। |
4 | संबंध कारक | का, की, के | यह रामकी किताब है। |
5 | अपादान कारक | से | वह गाँवसे आया। |
6 | अधिकरण कारक | में, पर | राम कक्षामें पढ़ता है। |
7 | संबंध/संपर्क कारक (संदर्भ) | के लिए, हेतु | यह पुस्तक बच्चोंके लिए है। |
कारक वाक्य को पूर्ण अर्थ प्रदान करते हैं और बताते हैं कि वाक्य में कर्ता (Doer), कर्म (Object), साधन (Instrument), स्थान (Place) आदि की क्या भूमिका है। हिंदी में मुख्य रूप से सात कारक (7 Kaarak in Hindi) माने जाते हैं। इन कारकों का सही उपयोग करके हम वाक्य को संपूर्ण और सही बना सकते हैं। इस प्रकार, क्रिया हिंदी व्याकरण का महत्वपूर्ण अंग है जो हमें वाक्य संरचना के नियम समझने में मदद करता है और हमारी भाषा को जीवंत और संदर्भित बनाता है। हमें इसे समझने का प्रयास करना चाहिए और अपनी भाषा को सही तरीके से प्रयोग करना चाहिए।
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