केंद्रीय जल आयोग (Central Water Commission – CWC) भारत सरकार (Government of India) का एक प्रमुख तकनीकी संगठन (Technical Organization) है, जो जल शक्ति मंत्रालय (Ministry of Jal Shakti) के अंतर्गत कार्य करता है। इसका मुख्यालय नई दिल्ली (New Delhi) में स्थित है। CWC का मुख्य उद्देश्य जल संसाधन (Water Resources) का नियंत्रण (Control), संरक्षण (Conservation) और प्रबंधन (Management) करना है। आयोग बाढ़ नियंत्रण (Flood Control), सिंचाई (Irrigation), नौवहन (Navigation), पेयजल आपूर्ति (Drinking Water Supply) तथा अन्य जल योजनाओं (Water Schemes) का समन्वय (Coordination), अनुसंधान (Research) और विकास (Development) करता है। इसके अतिरिक्त, यह गंगा संरक्षण (Ganga Conservation) और नदी विकास (River Development) से संबंधित परियोजनाओं को भी लागू करता है।
Central Water Commission (CWC) – Latest Update 2025 | केंद्रीय जल आयोग (CWC) – नवीनतम अपडेट 2025
केंद्रीय जल आयोग (Central Water Commission – CWC) से हाल ही में जारी रिपोर्ट के अनुसार, देश के 150 प्रमुख जलाशयों (Major Reservoirs in India) में केवल 20% जल (Water Storage) ही शेष रह गया है। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में केवल 77% और सामान्य औसत का 94% है। तमिलनाडु सरकार द्वारा शुरू की गई “नादंताई वाझी कावेरी योजना (Nadantai Vazhi Cauvery Scheme)” को CWC ने कावेरी नदी की सफाई और रखरखाव (Cauvery River Cleaning & Maintenance) के लिए स्वीकृति प्रदान की है।
साथ ही, केंद्रीय जल आयोग ने हाल ही में अपने 75वें स्थापना वर्ष (75th Foundation Year of CWC) का उत्सव मनाया। इस अवसर पर सेमिनार (Seminars), कार्यशालाएं (Workshops) और जागरूकता गतिविधियां (Awareness Activities) आयोजित की गईं। यह अपडेट UPSC, PCS, SSC और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं (Competitive Exams) की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
What is Central Water Commission (CWC)? | केंद्रीय जल आयोग (CWC) क्या है?
केंद्रीय जल आयोग (Central Water Commission – CWC) भारत सरकार का एक प्रमुख तकनीकी संगठन (Technical Organization) है, जो जल संसाधन (Water Resources), नदी विकास (River Development) और गंगा संरक्षण (Ganga Conservation) के कार्यों का समन्वय करता है। यह आयोग जल शक्ति मंत्रालय (Ministry of Jal Shakti) के अंतर्गत कार्य करता है।
CWC की मुख्य जिम्मेदारियों में जल संसाधनों का नियमन (Regulation), संरक्षण (Conservation), उपयोग (Utilization) और प्रबंधन (Management) शामिल हैं। आयोग देशभर में बाढ़ नियंत्रण (Flood Control), सिंचाई (Irrigation), नौवहन (Navigation), पेयजल आपूर्ति (Drinking Water Supply) और जलविद्युत विकास (Hydropower Development) के लिए योजनाओं का निर्माण और क्रियान्वयन करता है।
Mission Statement of CWC | सीडब्ल्यूसी का मिशन वक्तव्य
“अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी (Modern Technology) और दक्षता (Efficiency) का उपयोग करके भारत के जल संसाधनों (Water Resources) के एकीकृत और सतत विकास (Integrated & Sustainable Development) और प्रबंधन को बढ़ावा देना तथा सभी हितधारकों (Stakeholders) के बीच समन्वय (Coordination) स्थापित करना।”
Structure of Central Water Commission – CWC | केंद्रीय जल आयोग की संरचना
केंद्रीय जल आयोग (CWC) की संरचना भारत सरकार द्वारा निर्धारित है और इसका नेतृत्व एक अध्यक्ष (Chairman of CWC) करता है, जो पदेन भारत सरकार के सचिव (Ex-Officio Secretary, Govt. of India) के रूप में भी कार्य करता है।
Composition and Chairman of Central Water Commission (CWC) | केंद्रीय जल आयोग (CWC) की संरचना और अध्यक्ष
| श्रेणी | विवरण |
| संगठन का नाम (Organization Name) | केंद्रीय जल आयोग (Central Water Commission – CWC) |
| मुख्यालय (Headquarters) | नई दिल्ली (New Delhi) |
| अध्यक्ष (Chairman) | श्री कुशविंदर वोहरा (Shri Kushvinder Vohra) |
| पद (Designation) | पदेन सचिव, भारत सरकार (Ex-Officio Secretary, Govt. of India) |
| सेवा (Service) | 1985 बैच, CWES ग्रेड ‘A’ अधिकारी (1985 Batch CWES Grade ‘A’ Officer) |
| मुख्य विंग्स (Main Wings) | 1. डिज़ाइन और अनुसंधान (Design & Research – D&R)2. नदी प्रबंधन (River Management – RM)3. जल योजना और परियोजनाएं (Water Planning & Projects – WP&P) |
| नेतृत्व (Leadership of Wings) | प्रत्येक विंग का नेतृत्व एक पूर्णकालिक सदस्य (Full-time Member) करता है – पदेन अतिरिक्त सचिव (Ex-Officio Additional Secretary) |
| मानव संसाधन प्रबंधन इकाई (HR Management Unit) | एक मुख्य अभियंता (Chief Engineer) के नेतृत्व में – मानव संसाधन, वित्तीय प्रबंधन, प्रशिक्षण और प्रशासनिक कार्य की देखरेख |
| मुख्य कार्य (Main Functions) | – बाढ़ नियंत्रण (Flood Control)- सिंचाई (Irrigation)- नौवहन (Navigation)- पेयजल आपूर्ति (Drinking Water Supply)- जल संसाधन संरक्षण एवं प्रबंधन (Water Resource Management) |
यह टेबल UPSC, PCS, SSC, RRB, Banking और सभी प्रतियोगी परीक्षाओं (Competitive Exams) के लिए अत्यंत उपयोगी है।
Background of Central Water Commission | केंद्रीय जल आयोग की पृष्ठभूमि
केंद्रीय जल आयोग (Central Water Commission – CWC) को पहले केंद्रीय जलमार्ग, सिंचाई और नौवहन आयोग (Central Waterways, Irrigation and Navigation Commission – CWINC) के नाम से जाना जाता था। इसे सीडब्लूआईएनसी (CWINC) कहा जाता था। भारत सरकार ने 1945 में डॉ. भीमराव अंबेडकर (B. R. Ambedkar) की सिफारिश पर इसका गठन किया। उस समय डॉ. अंबेडकर वायसराय की कार्यकारी परिषद के सदस्य (श्रम विभाग) थे। सीडब्लूआईएनसी की स्थापना का श्रेय डॉ. बी.आर. अंबेडकर को दिया जाता है क्योंकि उन्होंने केंद्र स्तर पर एक तकनीकी निकाय (Technical Body) के गठन का प्रस्ताव रखा और उसके उद्देश्य, संगठनात्मक ढांचे तथा कार्यसूची की रूपरेखा तैयार की। इसके लिए तत्कालीन श्रम विभाग ने प्रसिद्ध परामर्श इंजीनियर राय बहादुर ए. एन. खोसला (Rai Bahadur A. N. Khosla) की सहायता से अंतिम प्रस्ताव तैयार किया।
Functions of Central Water Commission (CWC) | केंद्रीय जल आयोग (CWC) के कार्य
केंद्रीय जल आयोग (Central Water Commission – CWC) भारत सरकार का एक प्रमुख तकनीकी संगठन है, जो देश के जल संसाधनों की योजना, प्रबंधन और विकास से संबंधित नीतियों और परियोजनाओं पर काम करता है। इसकी स्थापना 1945 में डॉ. भीमराव अंबेडकर की सिफारिश पर की गई थी। आयोग का मुख्य कार्य जल संसाधनों का सतत उपयोग सुनिश्चित करना, बाढ़ नियंत्रण (Flood Control), बांध सुरक्षा (Dam Safety), जल विद्युत परियोजनाएं (Hydropower Projects), और नदी प्रबंधन (River Management) जैसे क्षेत्रों में मार्गदर्शन और तकनीकी सहयोग प्रदान करना है। सीडब्ल्यूसी विभिन्न राज्यों और केंद्र सरकार के बीच जल संसाधन प्रबंधन से जुड़े मुद्दों पर समन्वय करता है तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व भी करता है।
CWC Functions & Functional Areas | केंद्रीय जल आयोग के कार्य एवं कार्यात्मक क्षेत्र
| डोमेन (Domain) | कार्य (Functions) |
| जल संसाधन परियोजनाओं का मूल्यांकन | अंतर-राज्यीय परियोजना प्रस्तावों से संबंधित प्रारंभिक/विस्तृत परियोजना रिपोर्टों का मूल्यांकन। |
| बेसिन योजना और प्रबंधन | राष्ट्रीय जल नीति के अनुसार नदी बेसिन संगठन स्थापित करना एवं राज्यों के साथ समन्वय। |
| सिविल एवं संरचनात्मक डिजाइन | जल संसाधन परियोजनाओं के सिविल संरचना डिजाइन, योजना और परामर्श। |
| बांध सुरक्षा | देशभर के बांधों की संरचनात्मक सुरक्षा एवं विफलताओं के जोखिम को कम करना। |
| बाढ़ पूर्वानुमान/जल विज्ञान अवलोकन | मानसून अवधि में केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष के माध्यम से बाढ़ की स्थिति की निगरानी। |
| मानव संसाधन प्रबंधन | प्रशासनिक, स्थापना और कार्मिक सेवा मामलों की देखरेख। |
| जल संसाधन परियोजनाओं की निगरानी | केंद्रीय स्तर पर परियोजनाओं की निगरानी तीन स्तरीय प्रणाली के तहत। |
| जल विज्ञान (Hydrology) | जल उपलब्धता, बाढ़ डिजाइन, अवसादन आदि पहलुओं का मूल्यांकन। |
| हाइड्रो-मैकेनिकल डिजाइन | जल विद्युत परियोजनाओं के उपकरणों की योजना और डिजाइन। |
| नदी प्रबंधन | जल विज्ञान एवं मौसम विज्ञान संबंधी आंकड़ों का संग्रहण और विश्लेषण। |
| सर्वेक्षण और जांच | प्रमुख/मध्यम/बहुउद्देशीय जलमार्ग परियोजनाओं के डीपीआर हेतु सर्वेक्षण एवं जांच। |
| जल प्रबंधन | नदियों की जल गुणवत्ता की निगरानी और संरक्षण। |
| जल विवाद समाधान | राज्यों के बीच जल-बंटवारे और नदी बेसिन विवादों का समाधान। |
Central Water Commission Wings – Introduction | केंद्रीय जल आयोग विंग – परिचय
केंद्रीय जल आयोग (Central Water Commission – CWC) भारत सरकार के जल संसाधन विभाग के अंतर्गत कार्यरत एक प्रमुख तकनीकी संगठन है। यह आयोग जल संसाधनों के विकास, प्रबंधन, बाढ़ पूर्वानुमान, नदी प्रबंधन और परियोजना मूल्यांकन जैसे अनेक महत्वपूर्ण कार्य करता है।
इसके कार्य तीन मुख्य विंग्स (शाखाओं) के अंतर्गत संचालित किए जाते हैं –
- डिजाइन और अनुसंधान विंग (Design & Research Wing – D&R)
- जल योजना एवं परियोजना विंग (Water Planning & Project Wing – WP&P)
- नदी प्रबंधन विंग (River Management Wing – RM)
ये तीनों विंग मिलकर देश में जल संसाधन प्रबंधन और नीतिगत दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं।
Major Wings of Central Water Commission and their Responsibilities| केंद्रीय जल आयोग के प्रमुख विंग और उनकी जिम्मेदारियां
| विंग का नाम | प्रमुख जिम्मेदारियां | नेतृत्व |
| डिजाइन और अनुसंधान विंग (D&R Wing) | नदी घाटी परियोजनाओं की योजना, लेआउट अध्ययन, विनिर्देश तैयार करना, विस्तृत डिजाइन एवं चित्र बनाना, जल विज्ञान संबंधी अध्ययन, डिजाइनों का मानकीकरण | सदस्य (D&R) – अतिरिक्त सचिव (भारत सरकार) |
| जल योजना एवं परियोजना विंग (WP&P Wing) | राष्ट्रीय जल नीति से संबंधित मामले, एकीकृत नदी बेसिन योजना और विकास, जलाशयों की भंडारण स्थिति की निगरानी, राज्यों के साथ समन्वय | सदस्य (WP&P) – अतिरिक्त सचिव (भारत सरकार) |
| नदी प्रबंधन विंग (RM Wing) | जल विज्ञान व जल-मौसम विज्ञान संबंधी आंकड़े एकत्र करना, भंडारण एवं विश्लेषण, जल गुणवत्ता निगरानी, बाढ़ पूर्वानुमान जारी करना, महत्वपूर्ण जलाशयों के लिए अंतर्वाह पूर्वानुमान | सदस्य (RM) – अपर सचिव (भारत सरकार) |
Importance and Initiatives of Central Water Commission | केंद्रीय जल आयोग का महत्त्व एवं पहल
केंद्रीय जल आयोग (CWC) भारत की जल संसाधन क्षेत्र की सर्वोच्च तकनीकी एजेंसी है, जो अब जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करती है। यह आयोग जल संसाधनों के संरक्षण, उपयोग, प्रबंधन और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हाल के वर्षों में आयोग ने कई महत्वपूर्ण परियोजनाएँ एवं पहल शुरू की हैं, जिनका उद्देश्य जल सुरक्षा, बाढ़ नियंत्रण, जल संरक्षण और सतत विकास सुनिश्चित करना है। नीचे दी गई तालिका में केंद्रीय जल आयोग की प्रमुख हालिया पहलों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया गया है।
केंद्रीय जल आयोग की हाल की पहल (CWC Recent Initiatives)
| पहल / परियोजना | विवरण |
| DRIP – बांध पुनर्वास और सुधार परियोजना | विश्व बैंक की सहायता से केरल, मध्य प्रदेश, उड़ीसा और तमिलनाडु में बांधों के सुधार व सुरक्षा हेतु परियोजना। |
| ग्लेशियल झील विस्फोट बाढ़ (GLOF) | हिमालयी क्षेत्र की हिमनद झीलों पर निगरानी और अचानक बाढ़ की स्थिति को नियंत्रित करने हेतु पहल। |
| जल संसाधन सूचना प्रणाली (WRIS) | वेबजीआईएस आधारित प्लेटफॉर्म, जो भारत के जल संसाधनों का एकल खिड़की समाधान प्रदान करता है। |
| राष्ट्रीय जल विज्ञान परियोजना (NHP) | विश्व बैंक की सहायता से जल संसाधनों के प्रबंधन, योजना और बाढ़ पूर्वानुमान हेतु परियोजना। |
| एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन (IWRM) | सामाजिक, आर्थिक व पर्यावरणीय पहलुओं को ध्यान में रखकर जल का सतत और संतुलित उपयोग। |
| जल संसाधन आकलन (2019) | भारत की नदी घाटियों के औसत वार्षिक जल संसाधन का वैज्ञानिक आकलन (1999.20 BCM)। |
Exam24x7.com भारत का प्रमुख ई-लर्निंग प्लेटफ़ॉर्म है, जो UPSC, SSC, बैंकिंग, रेलवे, शिक्षक भर्ती, पुलिस भर्ती और अन्य राज्य एवं केंद्रीय प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है। इस प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से आप अपनी तैयारी को अधिक सटीक, व्यवस्थित और प्रभावी बना सकते हैं।
